
परमाणु हथियारों के विरुद्ध अभियान चलाने वाले जापानी समूह – निहॉन हिदायनको को 2024 के लिए नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. अमेरिका द्वारा हिरोशिमा व नागासाकी शहरों पर किए गए हमलों में जीवित बचे व्यक्तियों ने इस समूह की स्थापना की थी. यह सम्मान, परमाणु हमले की विभीषिका और उसके भयावह नतीजों के प्रति जागरूकता फैलाने में इस समूह के अमूल्य योगदान को परिलक्षित करता है.
इस तस्वीर में, हिरोशिमा शहर के ऊपर परमाणु विस्फोट के क़रीब दो मिनट बाद उठते हुए बादल को देखा जा सकता है. यह बम 6 अगस्त 1945 को स्थानीय समयानुसार सुबह 8.17 मिनट पर गिराया गया था.

हिरोशिमा व नागासाकी शहर पर परमाणु बम हमले में जीवित बच गए व्यक्तियों को ‘हिबाकुशा’ के नाम से जाना जाता है. हमले की चपेट में आने के बाद लोगों को चिकित्सा देखभाल मुहैया कराई गई. इनमें ये पुरुष, महिला और बच्चा भी थे, जिन्हें हिरोशिमा में 12 अगस्त 1945 को ली गई इस तस्वीर में देखा जा सकता है.

परमाणु विस्फोट के केन्द्र के नज़दीक स्थित इस इमारत के अवशेष को ‘गेनबाकू डोम’ पुकारा जाता है. यह हिरोशिमा शान्ति स्मारक का एक हिस्सा है. जापानी भाषा में गेनबाकू का अर्थ है – परमाणु बम.
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने वर्ष 1996 में इस स्मारक को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया था.

संयुक्त राष्ट्र ने 1945 में हिरोशिमा व नागासाकी शहर पर बम हमलों और दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद, अपनी स्थापना से ही एक परमाणु हथियार मुक्त विश्व के लिए प्रयास किए हैं.
इसी उद्देश्य से, जनवरी 1946 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सबसे पहले प्रस्ताव को पारित किया गया था. शीर्षक था: परमाणु ऊर्जा की खोज से उपजी समस्याओं से निपटने के लिए एक आयोग की स्थापना.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने नागासाकी के परमाणु बम संग्रहालय में बच्चों के साथ मिलकर काग़ज़ को मोड़कर आकृतियों में ढालने की जापानी कला पर काम किया.
उन्होंने सचेत किया कि विश्व नेताओं को परमाणु हथियारों को उसी स्पष्टता के साथ देखना होगा, जैसेकि हिबाकुशा देखते व समझते हैं: मौत के उपकरण, जिनसे बचाव, सुरक्षा, और संरक्षण नहीं मिल सकता है.
“परमाणु हथियारों के ख़तरे का उन्मूलन करने का एकमात्र उपाय, उन्हें पूर्ण रूप से ख़त्म कर देना ही है.”