Development of geographical knowledge during ancient : Roman
2. क्रियात्मक अधिक थे
मुख्य सम्बन्ि था: व्यापार, प्रशासनिक
समस्याओं और सैन्य विजय की योजिाओं से
इससे भूगोल में िई सामग्री प्राप्त हुई
कल्पिा क
े बजाए जािकारी देिे पर बल ददया
मुख्य भूगोलिेत्ता: स्राबो, मेला, प्प्लिी
3. ग्रन्थ यूिािी भाषा में ललखे
स्राबो रोमि होते हुए भी यूिािी भाषा में ग्रन्थ ललखिे
िाला सिवप्रथम महाि भूगोलिेत्ता था
ज्ञात विश्ि क
े भाग का Geographical Encyclopedia ददया
Geographical Encyclopedia 17 भागों में िर्वि क्रकया
प्रथम 2 : विश्ि िर्वि तथा सामान्य भूगोल
आठ पुस्तकों में यूरोप का
छ: पुस्तकों में एलशया का
अंनतम पुस्तक में अफ्रीका का िर्वि क्रकया|
Book: Geographia
4. भूगोल की पररभाषा
भूगोल की शाखाओं जैसे भौनतक भूगोल,
गणर्तीय भूगोल, राजनिनतक भूगोल और
ऐनतहालसक भूगोल – की संकल्पिा सबसे पहले
लमलती है|
5. “भूगोल का उद्देश्य क
े िल सामाप्जक जीिि तथा
सरकरी कामकाज में सहायता देिा मात्र ही िहीं
है, िरि भूगोल एक स्ित्रंत विषय है, प्जसका
उद्देश्य, लोगों को इस विश्ि का, आकाशीय वपंडों
का तथा थल, महासागर, जीि-जंतुओं,
ििस्पनतओं, फलों और पृथ्िी क
े विलभन्ि क्षेत्रों में
देखी जािे िाली प्रत्येक अन्य िस्तु का ज्ञाि
प्राप्त करािा है|”
6. प्रादेलशक भूगोलिेत्ता था
स्पेि, गौल, इटली, उत्तरी और पूिी यूरोप, यूिाि,
एलशया माइिर, भारत, दजला-फ़रात, सीररया,
अरब तथा अफ्रीका क
े भौगोललक िर्वि ददए गए
तुलिातमक प्रसंग ददए
क्षेत्रीय लभन्िताओं (Place-to-Place Difference) क
े
लसद्िांत को बताया
7. लोगों क
े स्थािांतरर् (migration)
क्षेत्रों में जिसँख्या में समािता (homogeneity)
ि विषमांगता (heterogeneity) की भौगोललक
दशाओं को बताया|
यूरोप में लोगो को बहुरूपी रचिा बताया|
8. समुद्री तटों और तटों से दूर प्स्थत द्िीपों क
े
बीच तलछट जमािों (silting) क
े कारर् िीरे-िीरे
थलीय सम्बन्ि स्थावपत होते हुए देखे
यूिाि क
े प. तट क
े समीप क
ु छ उपद्िीप आगे
की बढ़ती हुई तटरेखा (shoreline) में लमल गए थे|
9. दक्षक्षर्ी स्पेि नििासी
Book: दो खंड –
› प्रथम :- Cosmography
› दूसरा खंड:- De-Chorographia
› पृथ्िी को पांच खंडो में बांटकर उत्तरी शीतोष्र् क्षेत्र का
भौगोललक िर्वि क्रकया|
› यात्राएं: भूमध्यसागर तट, यूरोप, एलशया और अफ्रीका
क
े समुद्री तटों की यात्राएं की
10. Book: प्राकृ नतक इनतहास (खंड-37)
प्रथम दो खंड : आकाशीय वपंडो का िर्वि
पृथ्िी का आकार, आकृ नत, िरातल, ऋतुओं आदद
का िर्वि ददया
तीसरे से छ्टे: प्रादेलशक भूगोल
सातिें से ग्यारहिें: जीि-विज्ञाि
शेष: ििस्पनत शास्त्र
11. भौगोललक धचंति का इनतहास “ माप्जद हुसैि”
Geographical Thought A Contextual History
Of Ideas “R.D. Dikshit”
Geographical Thought “S.D. Kaushik”