परमाणु युद्ध के ‘स्पष्ट’ ख़तरे के बीच, बहुपक्षवादी सहयोग अत्यावशक
सुरक्षा परिषद में मंगलवार को, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को मज़बूत करना और वैश्विक शासन में सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र पैक्ट को लागू करना जैसे विषयों सहित, कुछ अन्य महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर गरमागरम चर्चा हुई.
यह मंत्रिस्तरीय बैठक, चीन बुलाई थी, जो फ़रवरी महीने के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है. सन्दर्भ ये था कि संयुक्त राष्ट्र इस साल, अपनी स्थापना की 80वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहा है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सुरक्षा परिषद में चर्चा की शुरुआत करते हुए ज़ोर दिया कि जलवायु संकट के बढ़ने और असमानताओं व ग़रीबी में वृद्धि के कारण “वैश्विक एकजुटता और समाधान की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है”.
शान्ति अब भी एक छलावा है
यूएन प्रमुख ने कहा, “जैसा कि यह परिषद अच्छी तरह से जानती है, शान्ति पहुँच से बाहर होती जा रही है – इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र से लेकर यूक्रेन, सूडान से लेकर काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) और उससे भी आगे.”
“आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद लगातार संकट बने हुए हैं. हम दंड मुक्ति की एक काली भावना को फैलते हुए देख रहे हैं. परमाणु युद्ध की सम्भावना, एक स्पष्ट और मौजूदा ख़तरा बनी हुई है जोकि एक बहुत बेहूदा बात है."
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियाँ भी एक चुनौती हैं क्योंकि उनकी "असीमित सम्भावनाएँ...मानव विवेक, मानव पहचान और मानव नियंत्रण को कमज़ोर करने और यहाँ तक कि उन्हें बदलने के लिए, असीमित ख़तरे से मेल खाती हैं."

भविष्य के लिए समझौता
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, "ये वैश्विक चुनौतियाँ बहुपक्षीय समाधानों की मांग करती हैं." उन्होंने कहते हुए, सितम्बर में सदस्य देशों द्वारा अपनाए गए ‘भविष्य के लिए समझौते की ओर ध्यान आकर्षित किया.
इस समझौते का उद्देश्य "21वीं सदी के लिए वैश्विक शासन को मज़बूत करना और बहुपक्षवाद, संयुक्त राष्ट्र व सुरक्षा परिषद में विश्वास बहाल करना है."
इस समझौते के प्रावधानों में क्षेत्रीय संगठनों के साथ समन्वय को आगे बढ़ाना और शान्ति प्रक्रियाओं में महिलाओं, युवाओं व हाशिए के समूहों की पूर्ण भागेदारी सुनिश्चित करना शामिल है.
इस समझौते में, विकासशील देशों को सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने में मदद करने के लिए, एक प्रोत्साहन योजना के लिए समर्थन की रूपरेखा भी शामिल है.
इसमें एक वैश्विक डिजिटल समझौता भी शामिल है, जो एक AI शासन संगठन बनाए जाने की मांग करता है. इसके ज़रिए विकासशील देशों को निर्णय लेने में भाग लेने की अनुमति शामिल है और ऐसी व्यवस्था पहली बार की गई है.