ग़ाज़ा में पोलियो वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने के अभियान का नया दौर शुरू
इसराइल के क़ब्ज़े वाले ग़ाज़ा में, 10 वर्ष से कम आयु के लगभग 6 लाख बच्चों को पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने के अभियान का नया दौर, शनिवार को शुरू हुआ है.
इसराइल के क़ब्ज़े वाले ग़ाज़ा में, 10 वर्ष से कम आयु के लगभग 6 लाख बच्चों को पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने के अभियान का नया दौर, शनिवार को शुरू हुआ है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि ग़ाज़ा में बड़े पैमाने पर पोलियो निरोधक वैक्सीन पिलाए जाने का अभियान, आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने यह अभियान, सितम्बर 2024 में शुरू किया था और तब से यह सफलतापूर्वक चलता रहा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया भर में अहम स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए सहायता धनराशि रोके जाने की अमेरिकी सरकार की घोषणा और उसके असर पर गहरी चिन्ता जताई है. यूएन एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बुधवार को आगाह किया कि इस क़दम से विश्व भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों के लिए सीधा ख़तरा है.
बच्चों में कैंसर बीमारी के उपचार के लिए ज़रूरी दवाओं को मुहैया कराने के इरादे से यूएन की साझेदारी में एक नई पहल को उज़्बेकिस्तान और मंगोलिया में शुरू किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को इस नए प्लैटफ़ॉर्म की जानकारी देते हुए बताया कि इसे जल्द ही छह देशों में अमल में लाया जाएगा.
भारत सहित दुनिया भर के विभिन्न स्थानों से आए करोड़ों श्रद्धालु, देश के उत्तर प्रदेश में स्थित प्रयागराज में हर 12 वर्ष में लगने वाले महाकुम्भ मेले में गंगा नदी में शुद्धिकरण स्नान कर रहे हैं. अनुमान है कि 6 सप्ताह चलने वाले इस मेले में, धार्मिक प्रथाओं में भाग लेने के लिए, भारत और विदेशों से लगभग 40 करोड़ लोग महाकुम्भ मेले में जुटेंगे. इसीलिए भारत में WHO, यह सुनिश्चित करने में लगा है कि कहीं पोलियो बीमारी नहीं फैले और सरकार के साथ मिलकर पोलियो की निगरानी मज़बूत करने में सहायता कर रहा है. अलबत्ता, भारत एक पोलियो मुक्त देश है.
नाइजीरिया के उत्तरी हिस्से में जारी टकराव और भोजन की कमी के हालात में, सकीना सानी का विवाह 12 वर्ष की आयु में ही कर दिया गया था. सकीना, 15 वर्ष की उम्र में गर्भवती हो गईं, लेकिन तब उनका गर्भपात हो गया. फिर उन्होंने एक के बाद एक दो बच्चों को जन्म दिया. मगर क्या यह सकीना के स्वास्थ्य के लिए ठीक था और फिर इतनी जल्दी दो बच्चे क्यों पैदा हो गए?
एचआईवी/एड्स से निपटने पर केन्द्रित यूएन एजेंसी, UNAIDS ने सचेत किया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा विदेशी सहायता पर रोक लगाने से, समुदायों में एचआईवी रोकथाम प्रयासों को झटका लगा है और कुछ भ्रम की स्थिति है. अमेरिका ने इन कार्यक्रमों की मदद के लिए छूट की घोषणा की है मगर रोकथाम उपायों में जुटे सामुदायिक कार्यक्रमों में उसके असर को महसूस किया जा रहा है.
90 से अधिक देशों में लगभग 23 करोड़ लड़कियाँ, ख़ासतौर पर अफ़्रीका और एशिया में, महिला जननांग विकृति (FGM) की शिकार हुई हैं. यह एक दर्दनाक प्रक्रिया है जो उन्हें जीवन भर के शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक घाव दे सकती है. संयुक्त राष्ट्र की यौन व प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी (UNFPA) इस मुद्दे से निपटने के लिए अमेरिका समेत समस्त अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम कर रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने संयुक्त राज्य अमेरिका से अपने उस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है, जिसमें राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने संगठन से अलग होने की घोषणा की थी.
एचआईवी/एड्स की रोकथाम के लिए प्रयासरत यूएन एजेंसी (UNAIDS) ने संयुक्त राज्य अमेरिका के उस निर्णय का स्वागत किया है, जिसमें विदेशी सहायता पर रोक में छूट दिए जाने और एचआईवी उपचार के लिए धनराशि समर्थन जारी रखने की बात कही गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने हाल ही में अपने एक कार्यकारी आदेश के ज़रिये सभी प्रकार की विदेशी सहायता पर अगले 90 दिनों के लिए तत्काल रोक लगा दी थी, जिससे लाखों लोगों के लिए एचआईवी इलाज सेवाओं पर असर होने की आशंका थी.