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यूक्रेन पर रूस के पूर्ण स्तर के आक्रमण के तीन वर्ष, लोग 'मनोवैज्ञानिक आतंक' से त्रस्त

यूक्रेन में युद्ध के दौरान, यूएन एजेंसियाँ, सहायता मुहैया कराना जारी रखे हुए हैं.
© UNOCHA/Alina Basiuk
यूक्रेन में युद्ध के दौरान, यूएन एजेंसियाँ, सहायता मुहैया कराना जारी रखे हुए हैं.

यूक्रेन पर रूस के पूर्ण स्तर के आक्रमण के तीन वर्ष, लोग 'मनोवैज्ञानिक आतंक' से त्रस्त

शान्ति और सुरक्षा

यूक्रेन में पूर्ण स्तर पर युद्ध शुरू हुए तीन वर्ष हो रहे हैं और इस दौरान आम नागरिकों को निरन्तर हमलों, विस्थापन, मुश्किलों, मनोवैज्ञानिक आंतक का सामना करना पड़ा है. देश में मानवीय सहायता मामलों के लिए यूएन के शीर्ष अधिकारी माथियास श्माले ने बताया है कि मानवीय सहायता एजेंसियाँ इस कठिन समय में स्थानीय आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने में जुटी हैं. उन्होंने इस बीच राजधानी कीव से बताया कि बीती रात फिर से हवाई सायरन और धमाकों का शोर गूंजता रहा.

माथियास श्माले के अनुसार, रूस द्वारा क्राइमिया को 2014 में अवैध रूप से क़ब्ज़े में लिए जाने के साथ ही इस संकट की शुरुआत हुई थी, और उसके बाद से अब तक जन्मे बच्चों ने अपने देश में कभी शान्ति का अनुभव नहीं किया है.

24 फ़रवरी 2022 को रूस द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण स्तर पर आक्रमण किया गया, जिसमें हज़ारों नागरिक मारे जा चुके हैं, आवश्यक बुनियादी ढाँचा बर्बाद हो गया है, और देश की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव है.

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इस टकराव की वजह से, दूसरे विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट उत्पन्न हो गया है. 63 लाख से अधिक शरणार्थियों ने भागकर पड़ोसी देशों में शरण ली है और 37 लाख अन्तरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं.  

यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) के अनुसार, 2023 की तुलना में 2024 के दौरान हताहत होने वाले आम नागरिकों की संख्या में 30 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है. 

लड़ाई के अग्रिम मोर्चों पर मानवीय हालात बद से बदतर हो रहे हैं और देश की क़रीब 36 फ़ीसदी आबादी यानिी लगभग 1 करोड़ 27 लाख लोगों को इस वर्ष मानवीय सहायता की आवश्यकता होगी.

माथियास श्माले ने कहा कि रूसी सैन्य बल मज़बूती से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके मद्देनज़र लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा जा रहा है. 

साथ ही, उन्हें नक़दी सहायता समेत अन्य अति-आवश्यक सामान प्रदान किए जा रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के अनुसार, पूर्ण स्तर पर रूसी सैन्य बलों का आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक ढाई हज़ार से अधिक बच्चों की या तो मौत हुई है या वे घायल हुए हैं. वास्तविक आँकड़ा इससे कहीं अधिक होने की आशंका है.

स्कूलों, मातृत्व कक्षों, बच्चों के अस्पतालों समेत कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं हैं और हर जगह हमले हुए हैं.

सहायता धनराशि पर संकट

माथियास श्माले ने मानवीय सहायता कार्यों के लिए अमेरिकी मदद पर रोक लगाए जाने के सिलसिले में कहा कि यह निश्चित रूप से चिन्ताजनक है, और इस मुद्दे पर काफ़ी विचार-विमर्श हो रहा है.

पिछले वर्ष, मानवीय सहायता उद्देश्यों के लिए जितनी धनराशि ख़र्च हुई, उसमें 30 फ़ीसदी हिस्सेदारी संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से थी. विकास मद में यह 10 प्रतिशत थी.

उन्होंने कहा कि कुछ साझेदार संगठनों को सहायता धनराशि पर लगाई गई रोक में कुछ छूट मिली है, मगर अब तक इन छूट प्रावधानों के तहत कोई रक़म नहीं मिल पाई है.

इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि यूक्रेन में उर्जा प्रतिष्ठानों पर निरन्तर हमलों के बीच अन्य सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है. 780 से अधिक स्वास्थ्य केन्द्र और 1,600 से अधिक स्कूल क्षतिग्रस्त या ध्वस्त हुए हैं. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, युद्ध के कारण लाखों यूक्रेनी नागरिकों ने गहरे मानसिक दबाव को झेला है. निरन्तर हमलों, हवाई सायरन और रात में ड्रोन के शोर के कारण वे तनाव व बेचैनी को झेल रहे हैं.

मृतक संख्या

यूक्रेन में मानवाधिकार निगरानी मिशन (HRMMU) ने कहा कि 24 फ़रवरी 2022 को यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों द्वारा पूर्ण स्तर पर आक्रमण किए जाने के बाद से अब तक 12 हज़ार 654 लोगों की जान गई है और 30 हज़ार घायल हुए हैं.

इनमें से 84 फ़ीसदी हताहत, यूक्रेनी सरकार के क़ब्ज़े वाले इलाक़े में जबकि 16 प्रतिशत रूसी नियंत्रण वाले इलाक़े में हुए हैं.

यूएन मिशन की प्रमुख डेनियल बैल ने कहा कि तीन वर्षों से जारी पूर्ण स्तर के हिंसक टकराव की वजह से लगातार मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएँ हुई हैं और अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून का हनन हुआ है.

उन्होंने क्षोभ जताया कि जैसे-जैसे हताहत होने वाले आम नागरिकों की संख्या बढ़ रही है, स्थाई शान्ति के लिए होने वाली वार्ता के केन्द्र में सभी प्रभावितों के मानवाधिकारों को रखना होगा.